जहानारा बेगम से जुड़ा इतिहास
जहानाबाद का नाम मुगल सम्राट शाहजहां की बेटी जहानारा बेगम के नाम पर पड़ा है.
जहानारा बेगम से जुड़ा इतिहास
माना जाता है कि 17वीं सदी में अकाल के दौरान जहानारा बेगम ने यहां लोगों की मदद के लिए एक मंडी स्थापित की थी.
मगध साम्राज्य का हिस्सा
जहानाबाद का इतिहास काफी पुराना है. प्राचीन समय में ये क्षेत्र मगध साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था.
बारहवीं सदी की गुफाएं
जहानाबाद जिले में बराबर की पहाड़ियों में कई प्राचीन गुफाएं पाई जाती हैं. माना जाता है कि ये गुफाएं 12वीं सदी की हैं और जैन धर्म से जुड़ी हुई हैं.
फलगु नदी का धार्मिक महत्व
जहानाबाद से होकर बहने वाली फलगु नदी का हिंदू धर्म में खास महत्व है. लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पिंडदान की परंपरा निभाते हैं.
कृषि प्रधान जिला
जहानाबाद जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर करती है. यहां चावल, गेहूं, मक्का और दलहन की अच्छी पैदावार होती है.
चरम सीमा वाला मौसम
जहानाबाद की जलवायु विषमताओं से भरी है. गर्मियों में यहां काफी गर्मी पड़ती है, वहीं सर्दियों में काफी ठंड पड़ती है.
कम वन क्षेत्र
जहानाबाद जिले में वन क्षेत्र बहुत कम है. कुल भूमि क्षेत्रफल का लगभग 0.5% से भी कम हिस्सा ही वनों से ढका हुआ है.
ऐतिहासिक स्थलों का खजाना
यहां बराबर की गुफाओं के अलावा कई अन्य ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं.
राष्ट्रीय राजमार्ग 83 का पड़ाव
जहानाबाद शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 83 पर स्थित है, जो इसे देश के अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ता है